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What is Intraday Trading – How to Start, Benefits, Tips in hindi

1. इंट्राडे ट्रेडिंग का परिचय – Intro Of Intraday Trading

Intraday Trading का मतलब होता है उसी दिन स्टॉक खरीदना और बेचना। इसमें ट्रेडर्स बाजार की चाल का फायदा उठाकर मुनाफा कमाने की कोशिश करते हैं। इसमें शेयर की कीमत में हल्की से हल्की बदलाव भी महत्वपूर्ण होती है क्योंकि मुनाफा उसी पर निर्भर करता है।

उदाहरण: अगर किसी स्टॉक की कीमत 100 रुपये है और ट्रेडर इसे 10 बजे खरीदता है, और 11 बजे इसकी कीमत 105 रुपये हो जाती है, तो ट्रेडर इस समय पर इसे बेचकर मुनाफा कमा सकता है।

2. Intraday Trading कैसे करें?

  • मार्केट रिसर्च और एनालिसिस: इंट्राडे ट्रेडिंग में रिसर्च और एनालिसिस करना जरूरी है। बाजार की हलचल और शेयरों के पैटर्न को समझना आवश्यक है ताकि आप सही समय पर खरीद और बिक्री का निर्णय ले सकें।
  • सही ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म चुनें: अपनी जरूरतों के हिसाब से एक अच्छे प्लेटफॉर्म का चयन करें जो तेज हो, जिसमें कम ब्रोकर फीस हो, और जिसमें जरूरी टूल्स जैसे चार्ट्स और इंडिकेटर्स मौजूद हों।
  • ट्रेडिंग के लिए स्ट्रेटेजी बनाएं: जैसे कि ब्रेकआउट स्ट्रेटेजी, ट्रेंड फॉलोइंग स्ट्रेटेजी, या मूविंग एवरेज का उपयोग करें।
  • टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस: दोनों एनालिसिस का उपयोग करना ट्रेडिंग में फायदेमंद हो सकता है। जहां टेक्निकल एनालिसिस पिछले प्राइस पैटर्न पर ध्यान देता है, वहीं फंडामेंटल एनालिसिस कंपनी के बेसिक डेटा को देखता है। उदाहरण: यदि किसी ट्रेडर को लगता है कि कंपनी XYZ के स्टॉक में तेजी आने वाली है तो वह उसे सुबह खरीदता है और लाभ कमाने के लिए दिन के अंत में बेच सकता है।


Intraday Trading के जोखिम और फायदे

इंट्राडे ट्रेडिंग के लाभ

  • तेजी से लाभ कमाने की क्षमता: बाजार की चाल का फायदा उठाकर, इंट्राडे ट्रेडर्स तेजी से पैसा कमा सकते हैं।
  • मार्जिन का लाभ: कई ब्रोकर इंट्राडे ट्रेडिंग में मार्जिन सुविधा देते हैं, जिससे कम निवेश पर भी ज्यादा शेयर खरीदे जा सकते हैं।
  • छोटे समय में अच्छा मुनाफा: इंट्राडे ट्रेडिंग में लंबे समय तक वेट नहीं करना पड़ता, जिससे आप छोटे समय में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। उदाहरण: अगर किसी ने मार्जिन का उपयोग करके 10,000 रुपये के शेयर खरीदे और उसे 5% का मुनाफा होता है, तो बिना मार्जिन के मुनाफा आधा होता।

Intraday Trading के जोखिम

  • पैसे खोने का जोखिम: चूंकि इंट्राडे ट्रेडिंग काफी अस्थिर होती है, इसलिए इसमें पैसे खोने का जोखिम ज्यादा होता है।
  • इमोशनल ट्रेडिंग: कई बार ट्रेडर्स भावनाओं में बहकर निर्णय लेते हैं जिससे नुकसान होने की संभावना बढ़ जाती है।
  • मार्जिन का प्रभाव: मार्जिन से ज्यादा शेयर खरीदने के कारण छोटे उतार-चढ़ाव में भी बड़ा नुकसान हो सकता है। उदाहरण: अगर ट्रेडर ने भावनाओं में आकर शेयर खरीदे और तुरंत घाटा होने लगा तो उसे भारी नुकसान हो सकता है।

Intraday Trading को प्रभावित करने वाले कारक

1. बाजार की अस्थिरता (Market Volatility)

Intraday Trading में शेयर की कीमतों का उतार-चढ़ाव अत्यधिक मायने रखता है। बाजार में उतार-चढ़ाव ज्यादा होने पर तेजी से मुनाफा हो सकता है, लेकिन जोखिम भी बढ़ जाता है।

उदाहरण: जैसे कि जब किसी कंपनी के तिमाही नतीजे आने वाले होते हैं तो उसके शेयर में अधिक अस्थिरता होती है।

2. मार्केट न्यूज और इवेंट्स

किसी भी इवेंट, जैसे सरकारी नीतियों का परिवर्तन, आर्थिक आंकड़े, या किसी कंपनी की घोषणाएं, इंट्राडे ट्रेडिंग को प्रभावित कर सकती हैं।

उदाहरण: अगर कोई कंपनी अचानक अपने प्रोडक्ट में सुधार की घोषणा करती है, तो उसके शेयर की कीमत तेजी से बढ़ सकती है।

3. अंतरराष्ट्रीय बाजार का प्रभाव

अगर विदेशी बाजारों में तेजी या मंदी का रुख है तो उसका असर भारतीय बाजार पर भी देखने को मिलता है।

उदाहरण: अगर अमेरिकी बाजारों में भारी गिरावट है, तो अगले दिन भारतीय बाजार भी लाल निशान में खुल सकते हैं।

4. ब्याज दरों का बदलाव

ब्याज दरों में परिवर्तन से बाजार की चाल पर असर पड़ता है। ब्याज दरों के घटने से निवेश की संभावना बढ़ती है और शेयरों में तेजी देखने को मिलती है।

उदाहरण: RBI द्वारा ब्याज दर घटाने से बैंकिंग सेक्टर के शेयरों में तेजी आ सकती है।

5. टेक्निकल इंडिकेटर्स और चार्ट्स

ट्रेडिंग में सफल होने के लिए टेक्निकल इंडिकेटर्स और चार्ट्स का अध्ययन करना बेहद महत्वपूर्ण है। इनसे आपको ट्रेडिंग के समय और दिशा का सही अनुमान लगता है।

उदाहरण: मूविंग एवरेज, RSI और MACD जैसे इंडिकेटर्स देखकर ट्रेडर समझ सकते हैं कि स्टॉक ओवरबॉट (Overbought) या ओवरसोल्ड (Oversold) स्थिति में है।


Intraday Trading के लिए टिप्स और सावधानियां

  1. स्टॉप लॉस का प्रयोग करें: स्टॉप लॉस आपको अचानक होने वाले नुकसान से बचाता है।
    उदाहरण: अगर आपने स्टॉप लॉस 5% लगाया है और स्टॉक उस सीमा तक गिर जाता है, तो ऑटोमैटिकली स्टॉक बेच दिया जाएगा।
  2. भावनाओं को नियंत्रित रखें: इंट्राडे ट्रेडिंग में भावनाओं को नियंत्रित रखना जरूरी है ताकि आप सही निर्णय ले सकें।
  3. अपने कैपिटल का एक हिस्सा ही जोखिम में डालें: कभी भी पूरे कैपिटल का प्रयोग न करें। इससे नुकसान होने पर भी आपका कैपिटल सुरक्षित रहेगा।
  4. सही एंट्री और एग्जिट का समय: इंट्राडे ट्रेडिंग में सही समय पर एंट्री और एग्जिट करना बेहद जरूरी होता है।

इस तरह से, Intraday Trading में सही ज्ञान, रणनीति, और अनुशासन का पालन करके आप मुनाफा कमा सकते हैं। हालांकि, इसमें उतना ही जोखिम भी है, इसलिए सावधानीपूर्वक ट्रेडिंग करें और अपने अनुभव के अनुसार निर्णय लें।

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